Thursday 12 June 2014

Work From Home With Government Of Indias New Pension System NPS LITE

भारत सरकार की पेंशन स्कीम के साथ पैसे कमाने का सुनहरा अवसर

मेरे प्यारे दोस्तों ,
सिर्फ एक बार इसे पूरा पढो। जिसकी आपकोआपके परिवार कोऔर संसार के हर इंसान कोबहुत- जरुरत है.
ये भारत सरकार की तरफ से आपके बुढ़ापे की सुरक्षा की तैयारी + साथ मे बहुत बहुत पैसा कमाने का सुनहरा अवसर है|
मै आपके लिए ऐसी ख़ुशख़बरी लाया हूँ जो आप पढकर दंग रह जाओगेये भारत सरकार की पेंशन स्कीम हैइसमे पैसा कमाने के लिए कोईज्यादा पैसा लगाना है कोई प्रोडक्ट बेचनी है कोई झूठ बोलकर चीटिंग करनी हैऔर  ही कोई लोगों की बद्दुआ लेनी हैउपर से इसमे लोगोंकी सेवा करने के साथ-साथ अपने आप बहुत पैसा मिलता है|

PFRDA - 
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट - भारत सरकार द्वारा संचालित स्वावलम्बन योजना एनपीएसनेशनल पेंशन सिस्टम(Swavlamban Yojana NPS =National Pension System ) का ये प्राण कार्ड (PRANCARD) हैअब देखते है इस PRAN-CARD सेहमें क्या लाभ होगा?
उदहारण -----

1) 
अगर कोई 18 साल का व्यक्ति इस प्राण कार्ड (PRANCARD) मे सालाना सिर्फ 1000 रुपये भरता है तो भारत सरकार उसको हर साल1000 रुपये का अनुदान (ग्रांटदेती हैसाल के आखिर में इस 2000 (1000 +1000 ) रुपये पर उसे औसतन 12% ब्याज देती हैयाने 1000 केसामने उसको 2240 मिलेइस तरह हर साल चक्रवर्ती ब्याज से उसका पैसा बढ़ता रहता हैजब ये 18 साल का व्यक्ति उसकी 60 साल की उम्रतक सिर्फ 43000/- रुपये इस प्राण कार्ड में जमा करता है तब सरकार के पास उसके लगभग 24,21,625/- जमा होते हैतब वो 61वे साल सेमरते दम तक हर महीने 16,500/- की पेंशन का हक़दार बनता है.

2) 
ये व्यक्ति अगर सालाना 12000/- प्राण कार्ड में जमा करता हैतब 60वे साल मे सरकार के पास उसके लगभग 1,57,40,562/- जमा होते है,तब वो 61वे साल से मरते दम तक हर महीने 1,05,000/- की पेंशन का हक़दार बनता हैअगर बीच मे ही उसकी मृत्यु हो जाय तो उसके परिवारको उसी समय उसका जमा पैसा ब्याज के साथ मिल जायेगा|
ये हुई अपने और अपने परिवार की बुढ़ापे की सुरक्षा 
अब दूसरों को सिर्फ इसी योजना की सलाह देकर अपनी आमदनी देखे :-
ये प्राण कार्ड निकालने के लिए सरकार के NSDL डिपार्टमेंट ने अलंकित हाउस (Alankit House) को Aggregator बनाया है और Alankit House से लीगल करार करके जनसेवा मिशन कारपोरेशन (Jansevamission Corporation) को ये काम मिला हैअगर आप ये प्राण-कार्डजनसेवा मिशन (Jansevamission) से बनवाते होतोलोगों को ये PRANCARD बनवाने की सिर्फ सलाह देकर काफी पैसा कमाने कासुनहरा अवसर सबको मिलता है.
जनसेवा मिशन का मेम्बरशिप चार्ज केवल 700 /- है जहाँ पर आपको आपके फ्री प्राण-कार्ड (100 /- बैलेंस के साथके अलावा एक बहुत बड़ाबिज़नस करने का सुनहरा मौका मिलता है ...प्लान बाइनरी है हर पेयर पे 200 /- है ... डेली लिमिट 10 पेयर की है यानि 200 * 10 = 2000 /-डेली के आप कमा सकते हो! आप कितने भी लोगो को रेफेर कर सकते है और वो लोग भी कितने भी लोगो को रेफेर कर सकते है ... आपकीइनकम आपको हर 15 दिन में आपके बैंक अकाउंट में मिल जायेगी
 !

प्लान के लिए विजिट करें www.jansevamission.org/binary-plan.asp



  
किसी भी सवाल या जोइनिंग के लिए कॉल करें –
Narinder Singh
094644-36490

Friday 6 June 2014

Why needs Pension

"पेंशन" शब्द एक ऐसा शब्द है जो हम सब भारतीयों में यही अवधारणा बनी हुई है, कि यह शब्द सिर्फ उन्ही व्यक्तियों से जुड़ कर रह जाएगा जो सिर्फ भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन कार्य कर रहे व्यक्ति हों, क्योंकि भारत की आजादी से सिर्फ पेंशन उन्ही लोगों को प्राप्त हो रहा है जो 60 वर्ष बाद भारत सरकार या राज्य सरकार में किसी भी पद में रह कर नौकरी या सेवा 60 वर्षो तक देते आ रहे हों, और यहीं पेंशन किसी भी सेवानिवृत कर्मचारी या अधिकारीयों के "बुढ़ापे की लाठी" या सहारा बना हुआ, क्योंकि अक्सर देखने को मिलता है कोई भी सरकारी कर्मचारी अपने नौकरी काल में अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने, उनके अच्छे से अच्छे खान पान, पालन पोषण तथा अपने घर को बनाने इत्यादि में सभी रकम वेतन के खर्च हो जाता है, साथ ही साथ यह भी हमें अक्सर ग्रामीणों या शहरी इलाकों में देखने को मिलता है कि पुरे 60 वर्षो तक अपने वेतन से बच्चों का लालन पालन में, उच्चस्तरीय शिक्षा, अच्छे परिवेष, कपड़े, पॉकेट मनी, में खर्च किए, तथा जब वे 60 वर्षो के बाद सेवानिवृत (रिटायर) हुए तथा एक साथ अच्छी रकम फ़्रोविडेन्ट फण्ड का मिला भी तो सभी बेटों ने बेरोजगारी या अपने स्वार्थ के कारण अपने बूढ़े माता पिता की कोई चिन्ता या इच्छा जाने बिना जो भी रकम 15 से 20 लाख प्राप्त होते है, वे जोर जबरदस्ती कर अपने पिता नहीं चाहते हुए भी अपनी बच्चों की ख़ुशी हेतु जो अपने जीवन भी पाई पाई कर बचाते हुए जो रकम 60 वर्षो तक जमा किया था, वो एक ही पल में बेटों में स्वार्थ के कारण रकम का बटवारा कर लेते है, परन्तु "पेंशन" हर माह मिलने वाले रकम से वह अपनी बुढ़ापा जीवन अच्छी तरह बेफिक्र हो कर दोनों सेवानिवृत पति पत्नी अपने बच्चों से बिना कोई मदद माँगे बीना वे अपना जीवन अच्छी तरह गुजर बसर करते है क्योंकि अपने पेंशन के मिले हुए रकम से वे अपना बुढ़ापे जीवन में भी अच्छी तरह परवरिश करते है, तथा अपने नाती पोता या बच्चों को भी इसी पेंशन की रकम से खुश रखते है क्योंकि "पेंशन" ही ऐसी चीज।


परन्तु 2004-2005 से सरकार ने यह घोषणा की अब चाहे भारत सरकार या राज्य सरकार में होने वाली नियुक्तियों में पेंशन को पुर्णतः समाप्त कर दिया, परन्तु इसका विरोध पुरे भारत में हुआ, कि 60 वर्षो तक सरकार की सेवा भी करेंगे और एक बार 60 वर्षो के बाद सेवानिवृत होने पर सरकार एक बार अपने कार्य काल में करे PF फ़्रोविडेन्ट फण्ड से एक मुस्त रकम सरकार देगी परन्तु उससे होगा क्या? उसे बच्चे जैसा हमने ऊपर कहा कि बेरोजगारी और अपने स्वार्थ में आ कर वे अपने पिता के PF का पूरा रकम जोर जबरदस्ती से बराबरा कर लेंगे, तथा बच्चे तो अपना जीवन अच्छी तरह व्यतीत कर लेंगे पर जो पूरा 60 वर्षो तक भारत सरकार या राज्य सेवा किए तो उनका जीवन और बदतर होगा क्योंकि उन्हें पेंशन तो हर माह प्राप्त होगा नहीं? परन्तु भारत सरकार 2004 में "सर्वधन योजना" लाई, जिसमे इस योजना के अन्तर्गत यह सरकार ने अपने वेतन से हर माह 5 से 12% तक कटौती करती है तथा उतना ही रकम PFRDA (पेंशन फण्ड रेग्युलेटरी डेवलपमेंट ऑथोरिटी) द्वारा उतना उनके प्राण नम्बर पर बैंकों में जमा होता है जिनकी सूचना वे समय समय पर बैंकों में जाकर व्याज के साथ कितना उनके प्राण खाते में रकम जमा है वह सुचना प्राप्त करते है तथा उसका स्टेटमेन्ट भी प्राप्त कर सकते है, तथा जब वे 60 वर्ष तक सेवा देने के पश्चात् उन्हें 80% राशि एक मुस्त प्राप्त होती है तथा शेष 20% राशि से उन्हें हर माह पेंशन के रूप में उनके बचत खाते में प्राप्त होता रहता है जिससे वे अपना बुढ़ापा जीवन भी खुशहाली पूर्वक जीवन यापन करते है। जिन्हें "नेशनल पेंशन सिस्टम" या टायर वन भी कहा जाता है।


इसी योजना को आगे बढ़ाते हुए 2010 में भारत सरकार एक नई पेंशन प्लान या योजना "स्वावलम्बन योजना" लाई है जिसमे इस योजना के अन्तर्गत अब कोई भी आम नागरिक जो 18 वर्ष से 55 वर्ष के कोई भी व्यक्ति स्वावलम्बन योजना में शामिल हो सकते है, उसके लिए अपना "प्राण कार्ड" बनाना होता है